इन चित्रों में है तकनीकी की अतिवादिता का परिणाम

ये चित्र मिले हैं मेल के द्वारा। हमें तो मजा और बहुत हंसी आई देख कर। आप भी देखो और मन करे तो हंस भी लेना। हंसी आजकल बहुत मंहगी है जैसे भी मिले ले लो।
नमस्कार, बस ज़रा सी मस्ती है............





असफल हर व्यवसाय में रहे


चार मित्रों ने मिल कर किसी व्यवसाय को करने की सोची। मिलकर पैसा लगाया और एक आटो गैरेज खोला, जिसमें कार आदि सुधारने का काम शुरू किया गया। लगभग दो माह बीत गये कोई भी अपनी कार या कोई दूसरा वाहन भी सुधरवाने नहीं आया।
कारण-आटो गैरेज एक इमारत की तीसरी मंजिल पर था, कोई वाहन लेकर कैसे आता?
उन मित्रों ने सोचा कि इस व्यवसाय के स्थान पर कोई दूसरा काम शुरू किया जाये। बहुत विचार किया तो लगा कि फास्ट फूड का काम अच्छा है। यह सोच कर गैरेज का सामान बेचा और मिले धन से उसी स्थन पर एक रेस्टोरेंट खोला। लगभग दो माह बीत गये किन्तु कोई भी उनके रेस्टोरेंट में कुछ भी खाने को नहीं आया।
कारण-रेस्टोरेंट तो खोल दिया किन्तु उस पर से आटो गैरेज का बोर्ड नहीं उतारा।
इस व्यवसाय में भी असफल होने के बाद उन मित्रों ने कोई दूसरा काम करने की सोची। रेस्टोरेंट का सामान बेचा और एक टैक्सी खरीदी। सारे दिन शहर में टैक्सी घुमाते किन्तु कोई भी नहीं बैठता। इस तरह भी लगभग दो माह बीत गये किन्तु एक भी सवारी उनकी टैक्सी में नहीं बैठी।
कारण-टैक्सी में में दो मित्र आगे की सीट पर बैठे रहते और दो मित्र पीछे की सीट पर बैठे रहते।
गुस्से में आकर उन दोस्तों ने कार को कहीं फेंक आने का फैसला किया। बहुत कोशिश के बाद वे उसे एक पहाड़ी पर ले जाने में सफल रहे। कार को गिराने के लिए धक्का लगाना शुरू किया किन्तु तमाम प्रयासों के बाद भी कार पहाड़ी से नीचे नहीं गिरी।
कारण-दो दोस्त कार को आगे से धक्का लगा रहे थे और दो दोस्त पीछे से।