पूरे सौ तक सुना दें तो हनीमून पक्का????



एक लड़की ने अपना हाथ एक ज्योतिषी को दिखाया। ज्योतिषी ने हाथ देखकर कहा-बच्ची तू बहुत पढ़ेगी। बहुत पढ़ेगी।
लड़की ने अपना हाथ छुड़ाया और गुस्से में बोली-बाबा, ज्यादा नाटक नहीं, पढ़ तो मैं तीन साल से रही हूँ, तुम तो ये बताओ कि मैं पास कब होऊँगी?


(चित्र गूगल छवियों से साभार)

छोटे बच्चों की एक कक्षा में मैडम ने एक बच्चे से कहा कि अगर तुम मुझे एक से दस तक गिनती सुनाओगे तो मैं तुमको दो पप्पी दूँगी।
बच्चे ने बड़ी ही शरारत से मैडम को देखा और बोला कि मैडम यदि पूरे सौ तक सुना दूँ तो हनीमून तो पक्का ही है ?


10 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

han ji pakka hai.

अक्षय कटोच *** AKSHAY KATOCH ने कहा…

मस्ती बहुत दिनों में की क्या बात है. कुछ मिला नहीं या फिर???

अक्षय कटोच *** AKSHAY KATOCH ने कहा…

मस्ती बहुत दिनों में की क्या बात है. कुछ मिला नहीं या फिर???

rajeev matwala ने कहा…

Very nice...aanand aaya....
शुभेच्छ
राजीव मतवाला

एक विचार ने कहा…

पप्पी मिली के नहीं

बेनामी ने कहा…

wah re bachche! hame aisi madam nahin mili kabhi............
wah....................
wah....................

बेनामी ने कहा…

wah re bachche! hame aisi madam nahin mili kabhi............
wah....................
wah....................

बेनामी ने कहा…

wah re bachche! hame aisi madam nahin mili kabhi............
wah....................
wah....................

बकरे खस्सी करने वाले टोबाटेक सिंह ने कहा…

दैनिक ‘हरी-भरी भूमि‘ की ओर से दिव्या रानी जी आज सुबह मेरे चंडूखाने पर तशरीफ लाईं। बिना किसी भूमिका के उन्होंने अपना परिचय देते ही क्वेश्चन दाग दिया- आप ब्लॉग जगत में क्यों चले आए ?
मैं भी तुरंत धीर गंभीर सा बनकर विचारवानों के एक्शन में बोला- मुझे मेरा फरज खींच लाया है यहां ।
व्हाट टाइप आफ़ ड्यूटी मैन ?- वह बोलीं।
देखिये मैं जो कुछ निकालता हूं वही निकालने मैं यहां भी आया हूं जी।
बट मैन, यहां कोई बकरा नहीं है।- उन्होंने कहा।
है क्यों नहीं जी, कई बकरे यहां घूम रहे हैं । - मैंने कहा
आप पहचानते हैं उन्हें ? अच्छी तरह से जी ।- मैंने जवाब
मैंने ठीक है आप नाम बताइये- वह बोलीं
उन्हें सारे नाम बता दिये

Udan Tashtari ने कहा…

haa haa!! aaj kal ke bachche bhi..