पुलिस की परीक्षा -- शेर की खोज

एक बार दक्षिण अफ्रीका के घने-भयानक जंगलों में पुलिस की परीक्षा रखी गई....विश्व के उन सभी देशों के पुलिस वाले उसमें शामिल हुए जो अपनी कार्य-प्रणाली को सर्वोत्तम मानते थे. भारतीय पुलिस भी उसमें शामिल हुई.

परीक्षा के तौर पर सभी देशों के पुलिस वालों को एक-एक करके जंगल के भीतर जाना था और उसमें से एक चिन्हित शेर को पकड़ के लाना था.

परीक्षा करवाने वाली संस्था ने शेर को छोड़ा और कुछ घंटे बाद अमेरिका की पुलिस को अन्दर भेजा गया>>>>>>>>अमेरिकी पुलिस ने लगभग दस घंटों के बाद शेर को पकड़ लिया और संस्था को सौंप दिया.

इसके बार शेर फिर छोड़ा गया>>अबकी ब्रिटेन के पुलिस वाले अन्दर गए और लगभग आठ घंटे बाद उस शेर को पकड़ लाये...

इसी तरह से तमाम देश आते रहे....अपनी-अपनी क्षमता के हिसाब से समय लगा कर शेर को पकड़ के लाते रहे....फिर बारी आई भारतीय पुलिस की...........

शेर छोड़ा गया...भारतीय पुलिस दल से अन्दर जाने को कहा गया...तो एक अधिकारी ने कहा कि इतने से काम के लिए पूरी फ़ौज की जरूरत नहीं...ये काम हमारे दरोगा जी और दो सिपाही ही कर लेंगे...

संस्था के अधिकारीयों ने बहुत मना किया पर भारतीय अधिकारी न माने>>>एक दरोगा और दो सिपाहियों के साथ शेर को खोजने जंगल में घुस गए.

समय बीतना शुरू हुआ...दस घंटे बीते, पंद्रह घंटे बीते, बीस घंटे बीते, एक दिन निकल गया तो सभी को चिंता होने लगी...

चूंकि एक देश ने पूरे पच्चीस घंटे का समय लिया था तो इतना समय बीत जाने के बाद संस्था के सुरक्षा दल के लोग भारतीय पुलिस जवानों की जांच में जंगल में गए...

अभी वे एक किलोमीटर ही चले होंगे और देखा कि एक पेड़ के नीचे दरोगा जी सो रहे हैं और दूसरे पेड़ के नीचे दोनों सिपाही बैठे तम्बाकू घिसने में लगे हैं.

सुरक्षा दल के अधिकारी ने कहा कि क्या हुआ, शेर नहीं खोजा?

एक सिपाही ने दरोगा जी को जगाया तो वे बोले, खोज तो लिया, ये देखो बाँध भी रखा है.

अधिकारियों ने उस तरफ देखा तो वहां एक हिरन को बंधा पाया. अधिकारी बोला, ये तो हिरन है......

दरोगा जी बोले, नहीं जी, ये शेर ही है....

अधिकारी अपनी बात पे अड़े रहे और दरोगा जी अपनी बात पे....जब बहुत देर हो गई तो दरोगा जी बोले ठीक है हमारी बात का भरोसा नहीं तो खुद इसी से पूछ लो कि ये क्या है.

इतना कहने के साथ ही दरोगा जी ने एक डंडा हिरन को जड़ दिया और चिल्लाये, क्यों बे! कौन हे तू? जल्दी बोल वर्ना....!!

हिरम मिमिया कर बोला, हुजूर, मैं शेर हूँ..............

जवाब सुनकर दरोगा जी और दोनों सिपाही अपनी-अपनी मूंछ पे ताव देने लगे....

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